कसौटी प्रेम की

तू अंश है मेरे प्राण की
या बस, बस गई है प्राण में
बुढौती आते आते पता चल ही जाएगा ।
हाँ हमारा स्नेह तो केवल सत्य के साथ ही संभव है।।।।
जय राम जी की ।
7007860070

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