नवीन स्नेह

जा तुम्हें आजाद किया हृदय के कारागार से ,
तू नयी दुनिया बसा ले ईश्वर के आशीर्वाद से ,
हम पात्र नहीं थे एक दूसरे के स्नेह के ,
अब पात्र बनेंगे और पात्र ढूढेंगे सावधानी से ।
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