व्यक्ति का जीवन ठहर जाता है जब उसकी आकांक्षा ठहर जाती है।जीवन का प्रवाह रूक जाता है।नदी सूखने लगती है।।।

जीवन में गति आकांक्षा के रहने से है।।।

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