सच्चिदानन्द ने काम क्रोध मोह लोभ और अहंकार पर विजय प्राप्त कर के इन्हें अपना मित्र और सेवक बना लिया है। इसलिए ये पाँचों सच्चिदानंद के विजय रथ को खींच रहे हैं।। ओंम हरिहरब्रह्मदेवताभ्यःनमः। 7007860070 8881776014

जय सच्चिदानंद

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