परीक्षा और सच्चिदानंद sachchidanand jaiswal poojapati

सोचते हैं कि
लोग परीक्षा देते हैं और
हम परीक्षाओं के लिए परीक्षा देते हैं
परीक्षाओं के बाद परीक्षा देते हैं
ऐसा लगता है कि पूरी जिंदगी परीक्षा बन गई है
अब तो परीक्षा पत्नी के तरह हो गई है।
जीवन संगिनी।
ईश्वर तो परीक्षा लेने से कभी नहीं चूकता मेरा।
ओम ब्रहमणे नमः।।।।

टिप्पणियाँ