Love in modern india because indian are like ram and sita

हम भारतीयों के हृदय पर कोई अपना नाम परमानेंट मार्कर से लिख कर भूल जाता है
लेकिन जिसके दिल पर लिखा जाता है वह बेचैनी से लेखिका को खोजता फिरता है
क्या करे? किसी और का बनना नहीं चाहता और चाहत समुंदर में बूंद की तरह खो गई है।
शिव पार्वती ही इस समस्या का समाधान निकालें।
राम सियाराम
7007860070
sachchidanand100.blogspot.com

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