सर्वोच्च न्यायालय का न्याय
राम राम
मित्रों आज मैं आपको ऐसा कथा सुना रहा हूं जिसे लगभग हर इंटरमिडिएट पास छात्र जानता होगा।
एक व्यापारी को मिलावटी घी बेचने के लिए दोषी पाया गया।
स्थानीय न्यायालय ने उस एक घड़ा मिलावटी घी पीने का दण्ड दिया।
व्यापारी ने उच्च न्यायालय में गुहार लगाई।
न्यायालय ने उसे सौ कोड़ों की सजा सुनाई।
व्यापारी को यह सजा भी नहीं भायी।
वह सर्वोच्च न्यायालय पहुंच गया।
वहां भी गुहार लगाई।
उसे दण्ड मिला
कि सौ मुद्राएं देकर वह पहले के दोनों दण्ड से बच सकता है।
अब उसके पास तीन विकल्प हैं।
उसने मिलावटी घी पीने को स्वीकार कर लिया।
लेकिन ३/४ घड़ा मिलावटी घी ही पी पाया।
इसके बाद उसने कोड़े खाना स्वीकार किया।
लेकिन ७५ कोड़ों के बाद अधमरा हो गया।
इसके बाद अंततः
सौ मुद्राएं देकर दण्ड मुक्त हुआ।
सर्वोच्च न्यायालय पहुंच कर उसे भरपूर दण्ड मिला।
हमें भी भारत के सर्वोच्च न्यायालय पर गर्व है।
हिंदुत्व से ही हिंदुस्तान की पहचान है ।
अंत में जीत हिंदुत्व की ही होगी।
जय श्री राम
७००७८६००७०
सत्यमेव जयते।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।
कृपया शांति और सहिष्णुता बनाए रखियेगा।
सभी धर्मों का आदर कीजिए।
जय हिन्द।
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