सत्यमेव जयते सात्विक स्नेह

जिसके हृदय में हमारा स्थान नहीं
उसका शरीर हमें नहीं चाहिए।
हमें जीती जागती जीवन संगिनी चाहिए
जो हो सदा समर्पिता
किसी की भीख कोई शव नहीं चाहिए।
सत्यमेव जयते

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