Principles of the teaching and learning study self study. 7007860070

कहा गया है कि पढ़ाने से ज्ञान बढ़ जाता है।
और ज्ञान एक भारहीन धन है।
उक्त कथन पूर्णतया मिथ्या है , झूठ है , असत्य है , भ्रम है ।
क्योंकि मैं शुद्ध गणितज्ञ हूँ।
मैं केवल यथार्थ सत्य स्वीकार करता हूँ।
यदि पढने से ही ज्ञान बढ जाता तो पढने की जरूरत नहीं होती ।तब गुरूजी विद्यार्थियों के पैर छूते। गुरू जी पैसा रूपया धन देते पढाऩे के
लिए बच्चों को। बच्चे पैसा वसुल करते गुरु जी से। तब कालेज नहीं खुलते।बच्चे गुरु जी को आदेश देते ।
इसीलिए कहता हूँ ।वैज्ञानिक सोच रखिए।
अंधविश्वास से बचिए।
अंधविश्वास ने भारत को बदनाम किया है।
अब बात करते हैं भार की ।

ज्ञान में इतना भार होता है कि ज्ञानी गंभीर हो जाता है ।
उसकी जिह्वा अजगर के तरह  भारी हो जाती है ।
ज्ञानियों की सबसे बड़ी  विशेषता है कि वे ही
का उपयोग बहुत कम करते हैं
वे भी का उपयोग अधिक करते हैं।
SACHCHIDANAND JAISWAL CHANDAN BABOO POOJAPATI
7007860070
जय राम

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